भारत में सोने का भंडार: आरबीआई के पास कितना सोना है?

           आरबीआई समय समय पर अलग अलग विदेशी एजेंसी से सोना खरीद कर रखती हैं, वर्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार जून 2023 के अंत तक 797.44 टन भारत में सोने का भंडार हैं| जिसको धीरे धीरे आरबीआई प्रतिवर्ष और बड़ा रही हैं| क्यों सभी देश के सेंट्रल बैंक खरीदते हैं इतना सोना? किस देश के पास कितना सोना हैं, आदि प्रश्नों को इस आर्टिकल में बहुत ही आसन भाषा में समझने की कोशिश करेंगे|

          देश के सेंट्रल बैंक का मुख्य कार्य देश की मौद्रिक नीति को बनाना और मनी सप्लाई तथा देश के बड़े आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करना हैं जिससे देश सतत आर्थिक विकास की ओर अग्रसर रहे, इसी क्रम में सेंट्रल बैंक अपने पोर्टफोलियो में विभिन्न प्रकार के एसेट रखती हैं, जो किसी भी अर्थिक संकट से उबार सके, प्रमुखता से सेंट्रल बैंक के कोष में विभिन्न विदेशी मुद्रा तथा सोने का भंडार रहता हैं|

प्रत्येक देश अपने सालाना बजट में देश में होने वाले खर्चे तथा विदेशी मुद्रा आदि के बारे में गंभीरतापूर्वक चर्चा करता हैं, किसी युद्ध या अनिश्चितता के समय से बचने और पोर्टफोलियो में विभिन्नता रखने के लिए सेंट्रल बैंक गोल्ड में भी काफी मात्रा में निवेशित रहते हैं जो की एक तरह से अन्य निवेश का  हेज का काम करता हैं|

भारत में सोने का भंडार-

       समय समय पर आर्थिक स्तिथियों के अनुसार रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने भारत में सोने का भंडार बढ़ाया हैं, हालाँकि कुछ समय के लिए डॉलर स्टैण्डर्ड लागू होने के बाद 1970 से 1990 के दशक में सेंट्रल बैंकों ने अवश्य सोने से कुछ दूरी बनायी परन्तु 1997 में एशिया में मुद्रा संकट आने के बाद एशियाई देशों का पुनः सोने की तरफ तेजी से रुझान बना|

2000 ईसवी के पहले जापान के अलावा एक भी एशियाई देश का गोल्ड रिज़र्व की टॉप 10 देशों की सूची में स्थान नहीं था परन्तु आज गोल्ड रिज़र्व की टॉप 10 देशों की सूची में एशिया के तीन देश ने अपना स्थान बनाया हैं, भारत विश्व में गोल्ड रिज़र्व में 9 वें स्थान पर हैं, वर्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार भारत के पास Q2 2023 के अंत तक 797.44 टन गोल्ड रिज़र्व हैं|

     आंकड़ों से पता चलता हैं की 2009 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान एकमुश्त 200 टन सोना खरीद कर 557.75 टन का गोल्ड रिज़र्व कर अपने को गोल्ड रिज़र्व की टॉप 10 की सूची में शामिल कर लिया था|

2017 के बाद से आरबीआई ने अपनी सालाना शौपिंग लिस्ट में सोने को काफी अधिक प्रथमिकता दि हैं, जहाँ 2010 से 2017 तक एक टन से भी कम सोने की खरीददारी की पर उसके बाद 2018 में 42.34 टन, 2019 में 34.52 टन, 2020 में 41.68 टन, कोरोना काल के समय आर्थिक स्तिथियों को बेहतर करने के लिए 2021 में 77.46 टन सोना ख़रीदा, 2022 में 33.26 टन और फ़िलहाल अगस्त 2023 तक 12.2 टन सोना ख़रीदा जा चुका हैं जिसके बाद भारत में सोने का भंडार लगभग 799 टन हो गया हैं|

किस देश के पास हैं सोने का सबसे ज्यादा भंडार-

       गोल्ड रिज़र्व के मामले में सबसे शिखर में सयुंक्त राज्य अमेरिका हैं रिपोर्ट्स के अनुसार उसके पास Q2 2023 के अंत तक 8133.46 टन का भंडार हैं, जो की दूसरे स्थान पर आने वाले जर्मनी जिसके पास 3352.65 टन हैं उससे दुगने से भी अधिक हैं, तीसरे (इटली) व चौथे स्थान (फ्रांस) पर भी वेस्टर्न यूरोप का कब्जा हैं, जिनके पास क्रमशः 2451.84 वा 2436.88 टन गोल्ड रिज़र्व हैं| पाचवें स्थान पर रूस हैं, जिसके पास 2329.63 टन सोना हैं|

           छटवें स्थान पर एशिया महाद्वीप का पहला देश चीन आता हैं, जिसके पास 2113.46 टन गोल्ड रिज़र्व हैं, चीन ने 21 वी शताब्दी में काफी तेजी के साथ अपने गोल्ड रिज़र्व में वृद्धी की हैं जहाँ 2000 ईसवी के अंत तक चीन के पास सिर्फ 395.01 टन सोने का रिज़र्व था और वह गोल्ड रिज़र्व के टॉप 10 देशों में भी नहीं आता था|

           सातवें स्थान पर स्विटजरलैंड हैं, जिसके पास 1040.00 टन गोल्ड रिज़र्व हैं, आठवें तथा नौवें स्थान पर पुनः एशियाई देश जापान व भारत हैं ,जिनके पास क्रमशः 845.97 व 797.44 टन सोने का रिज़र्व हैं, दसवें स्थान पर 2019 में भारत से गोल्ड रिज़र्व के मामले में पीछे हुआ देश नीदरलैंड हैं, जिसके पास 612.45 टन का गोल्ड रिज़र्व हैं| यदि आप कंगन ढूंढ रहे हैं। हर लुक के अनुरूप कुछ न कुछ है, बॉडी-हगिंग से लेकर स्ट्रक्चर्ड तक, कफ से लेकर चेन chain bracelet और कफ तक।

भारत में सोने का भंडार कहाँ रखा जाता हैं-

       भारत में सोने का भंडार की सुरक्षा आरबीआई के पास हैं, आरबीआई अपने सोने का कुछ हिस्सा भारत में और कुछ हिस्सा विदेशों में रखता हैं, भारत में सामान्यता रिज़र्व बैंक द्वारा अपने नागपुर के वाल्ट में सुरक्षित रखा जाता हैं, रिज़र्व बैंक, विदेश में अपना सोना बैंक ऑफ़ इंग्लैंड और बैंक ऑफ़ इंटरनेशनल सेटलमेंट (BIS) के पास सुरक्षित रखता हैं|

            विदेश के बैंकों में सोना रखने का प्रमुख कारण किसी आपातकालीन वित्तीय संकट के समय सोने को बेचकर या गिरवी रखकर उससे उबरने के लिए हैं, अगर पूरा सोना भारत में रखा जाये तो तो कभी इसप्रकार की स्थिति आने पर अनावश्यक समय लगेगा और सुरक्षा के लिहाज से भी उचित नहीं हैं|

            1991 ईसवी में भारत को बैलेंस ऑफ़ पेमेंट संकट का सामना करना पड़ा था, उस समय भारत ने 67 टन सोना अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास गिरवी रखकर 2.2 बिलियन डॉलर का लोन लिया था|

यह भी जानें
बैलेंस ऑफ पेमेंट क्या होता हैं? 1991 ईसवी को भारत के सामने क्या संकट आया था?         
बैलेंस ऑफ पेमेंट से मतलब बिदेशो से आने वाली और विदेशो से आयात करने पर उसके बदले दिये जाने वाली देने वाली विदेशी मुद्रा के अंतर से हैं| 1991 में भारत का राजकोषीय घाटा बहुत अधिक बढ़ गया था, भारत का खर्चा काफी अधिक और कमाई में काफी अंतर आ गया था, जून 1991 में भारत के पास सिर्फ 1 बिलियन डॉलर ही विदेशी मुद्रा का भंडार बचा था, जो सिर्फ तीन हफ्तों के आयात के लिए ही पर्याप्त था, भारत के पास विदेश से व्यापार करने के लिए विदेशी मुद्रा का भंडार नहीं बचा था, इन सभी संकटों से उबरने के लिए तत्कालीन पी वी नरसिम्हा राव सरकार के वित्तमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के उठाए गये कदमों में से एक भारत में सोने का भंडार से 67 टन सोना को गिरवी रखकर आईएमएफ से लोन लेना था|
यह भी पढ़ेंसोने में निवेश का सबसे अच्छा तरीका

सारांश-

21वीं शताब्दी के शुरुआत से ही केंद्रीय बैंकों के द्वारा सोने का भंडार बढ़ाने की होड़ रही, तभी भारत में सोने का भंडार पिछले पन्द्रह वर्षो में दुगने से भी अधिक हुआ हैं, 2008 के बाद से एशियाई देशों ने सोने को अन्य विदेशी मुद्रा की तरह ही अपने पोर्टफोलियो में अग्रिम स्थान पर रखा, 2000 ईसवी के बाद से चीन ने अपने सोने का भंडार लगबग 5 गुने से भी अधिक कर दिया, जबकि 1970 के बाद से एक तरह से केंद्रीय बैंक सोने को त्याज्य समझते थे, परन्तु 2000 के बाद से डॉलर के किसी तरह के संकट के समय उसका कोई अल्टरनेट एसेट के रूप में सोने को देखा जाने लगा|

आशा करती हूँ उपर्युक आर्टिकल ‘भारत में सोने का भंडार’ से आपकों काफी जानकारियां स्पष्ट हुई होंगी, यह सभी आंकड़े वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ऑफिसियल वेबसाइट पर आधारित हैं| अन्य प्रश्नों व आपके सुझावों के हम सदैव आकांक्षी हैं| सोने तथा फाइनेंस से जुडी अन्य रोचक बातों को जानने के लिए हमारी बेबसाईट के अन्य लेखों को अवश्य पढें|

दीक्षा दीक्षित   

Leave a comment